जुलूस
सी1, ए3: तीसरा दिन : अपने योद्धा के रथ में देवी की शोभायात्रा शंमुघम और उनका परिवार पूरे दमखम से सम्भावित संदिग्ध का पीछा करते हैं. रेजिना का बहुत कुछ दांव पर लगा है. वो सक्रिय रूप से नुक्सान काबू में रखने के तरीके अपनाती है. कोथान्दरमण का धीरज टूटने लगता है. रेजिना और शंमुघम के बीच संघर्ष विस्फोट के कगार पर है.
