देवकी
भाभीयों वसुधा और सुजाता के बीच गहरा रिश्ता है। इसलिए जब सुजाता को कोई बच्चा नहीं होता तो वसुधा अपने बेटे रोहन को सुजाता को गोद देने की पेशकश करती है। लेकिन भाग्य में कुछ और ही होता है। एक निर्दयी पड़ोसन भारती, जो सुजाता के दिमाग में संदेह के बीज बो देती है, जिससे परिवार अलग-अलग हो जाते हैं। क्या उनके बलिदान परिवार को दुबारा एक साथ वापस ला पाएंगे?
